समंदर भी भरा होगा इंसानियत के मिटने पर। समंदर भी भरा होगा इंसानियत के मिटने पर।
पानी आंखों का हर दिन बरसता है, पर मेरा मन रेगिस्तान सा क्यों हुआ है। पानी आंखों का हर दिन बरसता है, पर मेरा मन रेगिस्तान सा क्यों हुआ है।
मैंने कभी किसी को मरने के लिये बोला नहीं, पता नहीं मुझे इसका ख्याल कैसे आ रहा है। मैंने कभी किसी को मरने के लिये बोला नहीं, पता नहीं मुझे इसका ख्याल कैसे आ रहा...
यूँ बेवक़्त बरसता है ये मौसम, कह दो इसे मेरे यार ने अब कभी नहीं आना। यूँ बेवक़्त बरसता है ये मौसम, कह दो इसे मेरे यार ने अब कभी नहीं आना।
मेरा वक्त नहीं है अभी यही सोचकर दर्द हल्का कर लेता हूँ अपने दिल का। मेरा वक्त नहीं है अभी यही सोचकर दर्द हल्का कर लेता हूँ अपने दिल का।
ना जाने क्यों? गुलमोहर ने कभी माफ़ी नहीं दी ना जाने क्यों? गुलमोहर ने कभी माफ़ी नहीं दी